भोपाल- टिकिट वितरण के बाद शुरू हुआ घमासान, ये हुज़ूर नहीं आसान।

सुरेन्द्र सिंह ठाकुर 9685280980

भोपाल: दोनों ही मुख्य दलों के हुज़ूर विधानसभा से टिकिट दिए जाने के बाद से ही दोनों दलों के प्रत्याशियों द्वारा हुज़ूर विधानसभा जितने का दम्भ भरा जा रहा है जहां पिछले चुनाव में अबकी बार एक लाख पार का नारा देने वाले बीजेपी के नेता साठ हजार से जितने का दावा कर रहें हैं तो वहीं पिछले चुनावों में बड़ी लीड को कम कर लगभग 15 हजार पर लाने वाली कोंग्रेस इस बार उत्साह में नजर आ रही है और चालीस हजार से हुज़ूर जितने का दम्भ भर रही है लेकिन वास्तव में ये चुनाव दोनो ही पार्टियो के लिए इतना आसान नहीं रहेगा एक तरफ दो बार से विजय का परचम लहराने वाले रामेश्वर शर्मा को एंटी इनकम्बेंसी के साथ अपनी ही पार्टी में हाशिये पर खड़े नेताओं से भितरघात का डर है तो वहीं नरेश ज्ञानचंदानी को अब भी पंद्रह हजार की लीड कम करने के साथ कोंग्रेस में एकता बनाये रखने की चिंता टिकिट नहीं मिलने से नाराज जितेंद्र डागा और विष्णु विश्वकर्मा की नाराजगी भी नरेश ज्ञानचंदानी के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है हालांकि उन्हें मनाने का काम पार्टी के वरिष्ठ नेता कर रहें हैं लेकिन मानने के बाद भी ये नेता ज्ञानचंदानी को अपना नेता मानकर उसका कितना साथ देंगे इस बात में अभी संशय है।

रामेश्वर शर्मा इस चुनाव में अपने विकास और पिछले 10 वर्षों के कार्यों के दम पर जनता से वोट मांग रहें हैं उन्होंने पिछले चुनावी नतीजों से सबक लेकर न सिर्फ रूठों को मनाने का प्रयास किया है बल्कि अपनी टीम में नए चेहरों को भी जोड़ा है। इनमें से कुछ चेहरों पर तो रामेश्वर शर्मा खुद भी विश्वास नहीं करते लेकिन चुनाव में विरोध कम करने के लिए उन्हें अपनी टीम का हिस्सा बना रखा है जिसका पार्टी के कुछ पुराने नेता समय समय पर विरोध भी करते रहते हैं। इसके अलावा रामेश्वर शर्मा की टीम अब भी कुछ पुराने सहयोगियों को मनाने में जुटी हुई है और उनकी नाराजगी दूर करने का लगातार प्रयास कर रही है। रामेश्वर शर्मा और उनके सहयोगियों द्वारा पंचायत, जनपद और जिला पंचायत चुनाव में किया गया उलटफेर भी उनके लिए परेशानी खड़ी करेगा।

नरेश ज्ञानचंदानी पिछले चुनाव परिणामों से उत्साह में हैं उन्होंने पिछले चुनावों के बाद से लगातार सक्रियता दिखाई और 15 महीने की कोंग्रेस सरकार में कई मुश्किल काम करवाये ज्ञानचंदानी के इन कार्यों की तारीफ आज तक कि जाति है वहीं बीच में सरकार जाने के बाद भी वो सक्रिय बने रहे और कार्यकर्ताओं के काम करवाते रहे उन्होंने पूरे पांच साल क्षेत्र में बिताया और समय समय पर जनता के मुद्दे भी उठाए हाल ही में कैचमेंट, गेंहु तुलाई की समस्या और फ्लाईओवर को लेकर भी उन्होंने विरोध किया था इसी की बदौलत उन्हें टिकिट भी मिला है। ज्ञानचंदानी ने अकेले ही हुज़ूर विधानसभा सीट पर कॉंग्रेस में नई जान फूंक कर एक उम्मीद जगाई है।

इस चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रो में कैचमेंट बढ़ाए जाने को भी कॉंग्रेस एक बड़ा मुद्दा बना रही है, वहीं कोंग्रेस की किसानों के लिए ग्यारंटी को अगर सही तरीके से जनता तक ले जाती है तो यह रामेश्वर शर्मा के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

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