बैरागढ़- अपनी सरकार के विफल होने का इतना ही दर्द है तो इस्तीफा दें विधायक रामेश्वर शर्मा, सहानुभूति बटोरने के लिए घड़ियाली आंसू न बहाए- ज्ञानचंदानी

बैरागढ़– बैरागढ़ के शिविल अस्पताल में व्यवस्थाएं नहीं होने पर विधायक रामेश्वर शर्मा के अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना देने की धमकी पर हुज़ूर विधायक प्रत्याशी नरेश ज्ञानचंदानी ने निशाना साधा है।

ज्ञानचंदानी ने कहा कि जब व्यवस्थाएं करनी थी तब विधायक रामेश्वर शर्मा जगह जगह भीड़ लगाकर विकास का नारियल फोड़ रहे थे। बैरागढ़ में जहां उन्होंने खुद मंच पर विधायक नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई और भीड़ जुटाकर कोरोना को फैलाने में मदद की वहीं कोलार में उनके खास समर्थक के जन्मदिन का बीच सड़क पर जश्न मनाने के वीडियो भी सोशल मीडिया पर सबने देखे तब विधायक जी को सिर्फ इवेंट से मतलब था भीड़ दिखाने और छवि चमकाने से मतलब था जनता से कोई मतलब नहीं था अगर मतलब होता तो दमोह चुनाव में प्रचार करने जाने की जगह अपने क्षेत्र के हॉस्पिटल्स की व्यवस्थाओं में सुधार करते तब तो सेकंड वेव ने दस्तक भी दे दी थी लेकिन उन्हें जनता की फिक्र न तब थी और न ही अब है। अगर उन्हें अब भी जनता की फिक्र है तो अपनी और अपनी सरकार की नाकामी को स्वीकार करके तत्काल प्रभाव से स्तीफा दें न कि अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना देने की नोटंकी करके घड़ियाली आंसू बहाएं।

आपके चाल चरित्र और चेहरे में कितना अंतर है ये अब जनता जान गई है। संत नगर को मौत के मुहाने पर धकेल कर अब आप जो आडंबर रच रहे हो उससे जनता भली भांति समझती है। आज जो रोजाना शहर में मौतों का तांडव हो रहा है उसके लिए आप ही जिम्मेदार हैं 3 लाख की जनसंख्या वाले बैरागढ़ को आपकी सरकार ने क्या दिया है जबकि बैरागढ़ ने आपकी पार्टी को एक मुख्यमंत्री और आपको 2 बार का विधायक बनाया है आप इतने सालों में एक अच्छा हॉस्पिटल नहीं दे सके ये उसी की देन है को आज बैरागढ़ लाशों के ढेर पर बैठा है यहां ऑटो के अंदर ही मरीज की इलाज न मिलने से मौत हो रही है।

तब आप कहां थे जब बैरागढ़ में लोगों को दवाइयां नहीं मिल रही थी, हॉस्पिटल्स को इंजेक्शन नहीं मिल रहे थे, लोगों को इलाज नहीं मिल रहा था और लोग इन सब के आभाव में काल के गाल में समा रहे थे। उन सब के परिजन वो मंजर कभी नहीं भूल सकते वो चीखें और विलाप बैरागढ़ कभी नहीं भूलेगा आप अब धरना देकर नोटंकी करने से अच्छा है कि स्तीफा देकर अपने और अपनी पार्टी की नाकामियों को स्वीकार करें।

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