सुरेन्द्र सिंह ठाकुर 9685280980
बैरागढ़– झील संरक्षण विभाग झील संरक्षण के बड़े बड़े दावे तो करता है लेकिन झील संरक्षण विभाग की कथनी और करनी में बहुत फर्क नजर आ रहा है। 20 दिन पहले झील से मिट्टी निकाल कर बेचते पकड़ी गई जेसीबी अभी तक बैरागढ़ विसर्जन घाट पर ही खड़ी है न तो झिल संरक्षण विभाग उस की जप्ती की कारवाई कर पंचनामा बना पाया है और न ही फाइन तय कर पाया है। अभी तक झील संरक्षण विभाग यह भी तय नहीं कर पाया है कि जेसीबी पर जप्ती और अन्य कार्रवाई करेगा कौन।
बैरागढ़ विसर्जन घाट के सामने तालाब में जेसीबी से खुदाई कर मिट्टी प्राइवेट गार्डन संचालक को बेची जा रही थी जब मामले की जानकारी क्षेत्रीय पत्रकारों को लगी तो उन्होंने मौके पर जाकर खुदाई कर रहे लोगों से बातचीत की तो बातचीत में जेसीबी मालिक ने अपना नाम जगदीश जय भोले बताया और बताया कि क्षेत्रीय विधायक ने उन्हें खनन की परमिशन दी है। जिसके बाद पत्रकारों ने झील संरक्षण विभाग के अधिकारियों को फोन कर मौके पर बुलाया और सन्तोष जनक जवाब नहीं मिलने पर अधिकारी जेसीबी अपने साथ ले आए और बैरागढ़ विसर्जन घाट पर खड़ी कर दी जिसके बाद से आज तक वह वहीं खड़ी है। अब अधिकारी बात करना तो दूर फ़ोन तक नहीं उठा रहै हैं। मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा होने और जेसीबी मालिक जगदीश जय भोले के बीजेपी कार्यकर्ता होने के बाद मामला साफ है कि सब कुछ सांठगांठ से चल रहा था जिसमे अब अधिकारी लीपापोती करते भी नजर आ रहे हैं।
इस मामले में क्षेत्रीय विधायक का नाम आने के बाद भोपाल कॉंग्रेस के कुछ बड़े नेताओं और पदाधिकारियों ने झील पर जाकर प्रदर्शन कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का तो प्रयास किया था लेकिन झील की चिंता उन्हें भी नहीं थी तभी सिर्फ कार्रवाई करवाने, आंदोलन करने और ज्ञापन सौंपने की बड़ी बड़ी बातें कर फुटेज लेकर चलते हो गए। कॉंग्रेसी करें भी क्या सालों से वो यही करते आ रहे हैं तभी तो मुख्य मुद्दे इतने गोंड़ साबित हो जाते हैं। अब कॉंग्रेस सिस्टम में बदलाव लाने से ज्यादा खुद में बदलाव की जरूरत है ताकि पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं को मौका दिया जा सके बाकी कुछ कॉंग्रेसी तो पार्टी के लिए कम और बीजेपी के लिए ज्यादा काम कर रहे हैं।