बैरागढ़- किसान मजदूर अधिकार संगठन द्वारा किसान मजदूर की मांगों, को लेकर बैठक आयोजित की गई, कैचमेंट, मनरेगा, बंदोबस्त, भूमि अधिग्रहण मुआवजा, आवासीय क्षेत्र बढ़ाने और आवासीय पट्टे वितरण, 24 घण्टे व्यापारिक करने सहित कई मांगों पर बनाई गई योजना।

सुरेन्द्र सिंह ठाकुर 9685280980

बैरागढ़: फंदा ब्लाक के ग्राम मुगालिया छाप में किसान मजदूर अधिकार संगठन द्वारा भव्य बैठक का आयोजन किया गया जिसमें किसान और मजदूरों से जुड़ी समस्याओं और मांगो पर विचार विमर्श किया गया। किसान मजदूर अधिकार संगठन के संयोजक मनोहर सिंह ने बताया कि वर्ष 2008 से हमारा संगठन किसानों एवं मजदूरों सहित क्षेत्र के हित की मांगों को लेकर निरंतर आंदोलन कर रहा है। जिसका समाधान शासन द्वारा अभी तक नहीं किया है।

मनरेगा से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति को मिले हक

उन्होंने बताया कि इन्ही मांगों को लेकर कार्ययोजना बनाने के लिए आज बैठक आयोजित की गई थी मनोहर सिंह ने अपनी मांगे बताते हुए बताया कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी वर्तमान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) जिसका कि पूर्व में संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में ” (एस. जी. एस. वाय.) के नाम से रोजगार हेतु ग्रामीण क्षेत्र में संचालन हो रहा है जिसके मार्गदर्शी निर्देशों के अनुसार कंडिका 4.4 के अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाती के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के रोजगार व्यवसाय सहित सामाजिक, आर्थिक उत्थान हेतु 22.5 प्रतिशत राशि आरक्षित की गई है जो कि न्यूनतम है इससे अधिक राशि भी खर्च की जा सकती हैं। लेकिन सरकार की इस योजना से अनुचित जाति / अनु. जन जाति के व्यक्ति आजतक वंचित हैं। उनके हित की राशि कहां खर्च हो रही है उन्हें खुद ही पता नहीं है।

कैचमेंट बना सो से अधिक गांवों के विकास में बाधा-

इसके अलावा भोपाल के बड़े तालाब के आसपास के 100 से अधिक गांवों को जलग्रहण क्षेत्र के नाम पर आवासीय और व्यवसायिक अनुमतियों से प्रतिबंधित कर रखा है जिससे संत हिरदाराम नगर सहित आसपास का क्षेत्र विकास से वंचित है।

बंदोबस्त की गलतियों में हो सुधार-

उन्होंने बताया कि बंदोबस्त के कारण किसानों को हो रही समस्या पर भी किसानों ने बात रखी भूमि बन्दोबस्त के कारण कई गांवों के किसान परेशानी में फंस गए हैं। किये गए भूमि बदोबस्त के कारण किसानों की जमीन। कम या इधर उधर कर दूसरे के नाम पर दर्जकर दी गई हैं और खेतों में कई बटान डाल दिए गए हैं जबकि मौके पर खेतों में कोई बटान नहीं है। शासकीय कर्मचारियों की गलती। रिकॉर्ड में हेराफेरी सही करवाने की जिम्मेदारी किसान की ‘गलती कोई करे सजा किसान भुगते’।

किसानों की अधिग्रहित भूमि का मीले मुआवजा-

सरकार की कई योजनाओं में किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया है सड़के बनाने में भी किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया है आजतक न तो सीमांकन किया गया है न ही अधिग्रहित भूमि के मुआवजे हेतु कार्यवाही की गई है। भोपाल के बड़े तालाब के विस्तार हेतु अधिग्रहित भूमि के किसानों के मुआवजे के प्रकरण अभी तक शासन एवं न्यायालय में विचाराधीन है कई किसानों की अधिग्रहित भूमि के मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है कई वर्षों से किसान सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है।

आवासीय क्षेत्र बढाकर ग्रामीणों को मिले पट्टे-

ग्रामीण क्षेत्र में आवासीय पट्टे अभी तक पूरी तरह से वितरित नही किए गए है कई परिवारों को पट्टे से वंचित किया जा रहा है। समय के साथ आवासीय क्षेत्र बढ़ाया जाए।

24 घंटे खुलें व्यापारिक संस्थान-

भारत सरकार द्वारा व्यापार स्थापना बिल 2017 पारित किया गया है। जिसमें व्यापारिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खोलने व व्यवसाय करने का प्रावधान है शासन का अनुमान है कि इससे 10 प्रतिशत रोजगार बढ़ने की संभावना है।

इन सभी मुद्दों पर कार्ययोजना बनाने के लिए आज ग्राम मुंगालिया छाप में बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें संयोजक मनोहर सिंह, अवधेश, गोकुल सिलावट, ओमप्रकाश, पवन दोहरे, जगदीश जाटव, सोनू जाटव, संतोष दोहरे, कनीराम, गोरधन, कमल, डालचंद, जमना प्रसाद, पदम सिंह, प्रेम, बटन लाल, कमल सिंह, बाबूलाल, पदम सिंह आदि किसान मजदूर उपस्थित रहे।

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