बैरागढ़- माता-पिता की सेवा ही लक्ष्मीनारायण की सेवा है-आचार्य महेन्द्र शास्त्री, पिपलेश्वर हनुमान मंदिर पर चल रही भागवत कथा में भजनों पर झूमे श्रोता

सुरेन्द्र सिंह ठाकुर 9685280980

बैरागढ़: संत नगर सैनिक काॅलोनी स्थित पिपलेश्वर हनुमान मंदिर के पास आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के चतुर्थ दिवस आचार्य पंडित महेंद्र कृष्ण शास्त्री ने विभिन्न प्रसंगो का वर्णन किया। उन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन का महत्व बताया। जिसे सुनने के लिए सपास क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने पहुंचकर रसपान किया। व्यासपीठ की पूजन मोनू श्रीवास्तव, पंडित रवि पटेरिया ने की।

महेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने कहा कि भगवान श्री राम के गुरु विश्वामित्र को संदेश मिला कि राजा जनक के महल में एक शिव धनुष है। जो राजा इस धनुष को उठा लेगा उसी से सीता का विवाह होगा। यह सुनकर स्वयंवर में सभी राजा उपस्थित हुए और धनुष को उठाने का प्रयास किया लेकिन उठा न सके। यह सुनकर विश्वामित्र अपने शिष्य भगवान श्रीराम के साथ स्वयंवर में पहुंचे और भगवान श्रीराम ने अपने गुरू विश्वामित्र का आदेश पाकर धनुष को उठाकर तोड़ दिया। राजमहल श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। सीता माता ने भगवान श्रीराम के गले में वरमाला डाल दी इस प्रकार विवाह संपन्न हुआ। उन्होंने 14 साल के बनवास के बारे में बताया। आगे महाराज ने कहा कि माता पिता की सेवा ही लक्ष्मीनारायण की सेवा है। संसार में हमारे माता-पिता साक्षात् लक्ष्मीनारायण के ही स्वरुप हैं। विवाह के पश्चात सास ससूर को भी लक्ष्मीनारायण का स्वरूप मानकर सेवा करना चाहिए। इस अवसर पर सतीश बतरा, विकास गिदवानी, भारती मूलचंदानी, विष्णु विश्वकर्मा, रवि नाथानी, पंडित गंगा प्रसाद दुबे सहित कई उपस्थित थे।

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