भोपाल- वाल्मी भोपाल में अटल भूजल योजना के अंतर्गत दो दिवसीय भू जल संरक्षण कार्यशाला का आयोजन फ्रंट लाइन वर्करस ने जानें उपाय।

सुरेन्द्र सिंह ठाकुर 9685280980

भोपाल: अटल भूजल योजना के अंतर्गत, म.प्र. जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) में दो दिवसीय ग्राम पंचायत स्तरीय फ्रंट लाइन वर्कर की ट्रेनिंग एवं वर्कशॉप का आयोजन किया गया। 19 एवं 20 सितंबर को हुई इस वर्कशॉप में जन अभियान परिषद के 200 फ्रंट लाइन वर्कर शामिल हुए। वर्कशॉप में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय में संयुक्त सचिव एवं नेशनल कोर्डिनेटर श्री सुबोध यादव ने अटल भूजल योजना, नई दिल्ली बुंदेलखंड अंचल के 6 जिलों से आए वॉलिंटियर से सीधा संवाद किया।

श्री सुबोध यादव ने कहा, ‘सरकार भूजल योजना के जरिए लोगों को जागरुक करना चाहती है ताकि वो जल संरंक्षण को अपने व्यवहार में लाकर ‘अटल भूजल योजना’ को सफल बना सकें। यह योजना सात राज्यों में संचालित की जा रही है। योजना को देश में राज्यों के उन स्थानों पर लागू किया गया है जहां भूमिगत जल कम है या खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है।

डा जीतेंद्र जैन, स्टेट प्रोग्राम डायरेक्टर अटल भूजल योजना द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया तथा उनके दिया अवगत कराया गया कि वाल्मी भोपाल में आयोजित वर्कशॉप में मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 6 जिलों के 9 ब्लॉक से आए फ्रंट लाइन वर्कर को विस्तार से बताया गया कि वो कैसे लोगों को जागरुक कर उनके क्षेत्र में भूमिगत जल में बड़ा सकते हैं।श्री सुबोध यादव ने बताया कि वर्कशॉप में आए फ्रंट लाइन वर्कर को यह भी बताया गया कि वो कैसे अपने जिले या ब्लॉक के गांव में मीटिंग्स, ग्राम पंचायतों में नोटिस और जनसंचार कर ‘अटल भूजल योजना’ को बेहतर तरह से जमीनी स्तर पर संचालित कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मौखिक संचार, संचार एक बडा माध्यम है जो भूमिगत जल की जरूरत और उसके महत्व को सरलता से लोगों तक पहुंचाने में सबसे आसाना तरीका है। फ्रंट लाइन वर्कर इन क्षेत्रों में न केवल सरकार द्वारा जारी किए गए जनसंदेश को प्रसारित करेंगे बल्कि वो लोगों के साथ सामंजस्य बनाकर योजना के अंतर्गत आने वाले कार्यों को मूर्तरूप देंगे।

‘अटल भूजल योजना’ भूमिगत जल को सस्टेनेबल तरह से उसे कैसे बढ़ाया जाए इस विषय पर आधारित ये एक बड़ा कार्यक्रम है जो बुंदेलखंड क्षेत्र, जहां भूमिगत जल का अभाव है वहां यदि ये पूरी तरह से सफल होता है तो इस क्षेत्र में भूमिगत जल को काफी हद तक पारंपरिक तरीकों से बड़ाया जा सकता है।


वर्कशॉप में मौजूद जल-संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन.मिश्रा, श्रीमती उर्मिला शुक्ला, संचालक वाल्मी, डा उमेश बालपांडे डायरेक्टर एवम श्रीमती नीति नागी, डिप्टी डायरेक्टर, एन पी एम यू नई दिल्ली, विश्व बैंक के प्रतिनिधि श्री अरुण डोभाल, श्री बी आर नायडू महानिदेशक एवम डा धीरेंद्र पांडे कार्य पालक निदेशक जन अभियान परिषद्, श्री एम.एस.डाबर, जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता, केंद्रीय भूजल बोर्ड के निदेशक डा राना चटर्जी उपस्थित थे।

श्री एस एन मिश्रा अपर मुख्य सचिव द्वारा अटल भूजल योजना में किए गए कार्यों की प्रशंसा की एवम आश्वस्त किया कि भविष्य में भी भारत सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप अटल भूजल योजना का कार्यान्वयन किया जाएगा उन्होंने भूजल के महत्व और अटल भूजल योजना के मुख्य बिंदुओं पर विस्तार से बताया।

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